राष्ट्रीय सम्मेलन के समापन अवसर पर उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की शिरकत

ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।

एमिटी विश्वविद्यालय में भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) द्वारा एआईयू की उत्कृष्टता के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य पर दो दिवसीय राष्ट्रीय कुलपतियों के सम्मेलन का आज समापन हो गया। इस समापन समारोह में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल महामहिम आनंदीबेन पटेल, एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान, भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के अध्यक्ष प्रो विनय कुमार पाठक और एमिटी विश्वविद्यालय की वाइस चांसलर डा बलविंदर शुक्ला ने अपने विचार रखे।
      उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने संबोधित करते हुए कहा कि भारत में कई सारे विश्वविद्यालय और नित नई विश्वविद्यालय बन भी रहे है, जो अपने क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रही है। दुनिया में कई विश्वविद्यालय हैं जो अपने-अपने क्षेत्रों में बहुत अच्छा काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बच्चों की प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षा पर भी काम करना चाहिए और कुपोषण की समस्या को खत्म करने में मदद करनी चाहिए, जिससे राष्ट्रीय विकास होगा। उच्च शिक्षा संस्थानों की जिम्मेदारी सिर्फ शिक्षा देना नहीं होनी चाहिए, बल्कि उन्हें इससे आगे बढ़कर स्वच्छ पेयजल और उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच सुनिश्चित करनी चाहिए। इसके अलावा, कौशल विकास और प्रशिक्षण बेहद जरूरी है, यहां तक कि कुलपतियों के लिए भी। महिलाओं को समान अवसर प्रदान किए जाने चाहिए और शून्य गरीबी के लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में काम करना हमारा मिशन होना चाहिए। दुनिया भर के विश्वविद्यालयों के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन केवल कागजों तक ही सीमित नहीं रहने चाहिए, बल्कि उन्हें वास्तव में छात्रों के लाभ के लिए सीखने और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना चाहिए। हमारा विजन भारत को एक विकसित राष्ट्र और “विश्व गुरु” बनाना है और “प्रचार” और “प्रसार” सीखने के लिए होना चाहिए। हमें भारत की समृद्ध विरासत और विरासत पर गर्व करना चाहिए और बच्चों को प्राचीन काल में भारत द्वारा किए गए आविष्कारों और खोजों के बारे में जागरूक करना चाहिए।” उन्होंने एआईयू को 100 वर्ष पूरे करने पर बधाई दी और उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सराहनीय प्रयासों के लिए एमिटी विश्वविद्यालय की सराहना की तथा दूरदर्शी शिक्षाविद् होने के लिए डॉ. अशोक के. चौहान की भी सराहना की और कहा कि उन्होने सदैव समाज के हित के लिए कार्य किया है।
     एमिटी शिक्षण समूह के संस्थापक अध्यक्ष डा अशोक कुमार चौहान ने कहा कि मैं उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ, जिन्होंने सम्मेलन के समापन सत्र में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। उनकी उपस्थिति अत्यंत प्रेरणादायक है, जिसने आज यहाँ उपस्थित हम सभी में नई ऊर्जा और उत्साह का संचार किया है। आज पूरी दुनिया भारत की ओर देख रही है और हमारा लक्ष्य 2047 तक भारत को वैश्विक महाशक्ति बनाना है।
      भारतीय विश्वविद्यालय संघ (एआईयू) के अध्यक्ष प्रो विनय कुमार पाठक ने कहा कि हम वाकई बहुत गौरवान्वित हैं कि आज हमारे बीच उत्तर प्रदेश की महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मौजूद हैं। वे हम सभी के लिए एक महान नेता रही हैं, जिन्होंने हमेशा हमें उच्च शिक्षा के क्षेत्र में नए सुधार लाने के लिए प्रेरित और मार्गदर्शन किया है। समाज और देश के प्रति उनका समर्पण अविश्वसनीय है और हर क्षेत्र में उनका अनुकरणीय कार्य राष्ट्रीय विकास के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का प्रमाण है।
       समापन सत्र के दौरान, एक कॉफी टेबल बुक और विश्वविद्यालय समाचार का एक विशेष अंक भी जारी किया गया और विश्वविद्यालयों को विश्वविद्यालय की सर्वाेत्तम प्रथाओं के लिए पुरस्कृत किया गया। महामहिम राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने एमिटी विश्वविद्यालय में “एक पेड़ माँ के नाम” पहल के तहत एक पौधा लगाया।   
       समापन सत्र के दौरान जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा, नोएडा प्राधिकरण की सीईओ डा लोकेश एम, जिलाधिकारी की पत्नी डॉक्टर अंकिता राज, एमिटी के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर (स्ट्रैटजिक आपरेशन) अमोल चौहान, एआईयू के उपाध्यक्ष प्रो. वी.एन. राजशेखरन पिल्लई, एआईयू की महासचिव डॉ. (श्रीमती) पंकज मित्तल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी मौजूद थे।
 

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