ओवरलोड वाहनो के विरुद्ध परिवहन विभाग की कड़ी कार्रवाई, मई 2025 मे 146 ओवरलोड वाहनो का चालान किया गया
- Jun-02-2025
ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।
जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर मनीष कुमार वर्मा के निर्देशों के क्रम में ओवरलोडिंग वाहनों पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से परिवहन विभाग के अधिकारीगण कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी क्रम में संभागीय परिवहन अधिकारी प्रवर्तन गौतम बुद्ध नगर डॉ उदित नारायण पांडेय ने बताया कि माह मई 2025 मे ओवर लोडिग पर कडी कार्यवाही करते हुये 146 ओवरलोड वाहनों के विरुद्ध चालान कर बादलपुर और सेक्टर 62 मे निरुद्ध किया गया तथा प्रशमन शुल्क रु 70 लाख 40 हजार वसूल किया गया। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में अब तक क्रमिक रूप से अप्रैल एवं मई दोनों महीना में कुल 266 (अप्रैल महीने में 120 एवं मई में 146) वाहनों से 01 करोड़ 48 लाख रुपए प्रशमन शुल्क वसूल किया गया है, जो गत वर्ष से लगभग 3 गुना अधिक है।
उन्होंने ओवरलोडिंग ट्रकों, मिनी ट्रकों के संचालकों एवं वाहन चालकों को बताया कि वाहन में क्षमता से अधिक माल लादने से कई गंभीर नुकसान हो सकते हैं। यह न केवल वाहन चालकों और सड़क पर चलने वालों के लिए खतरा पैदा करता है, बल्कि आर्थिक और पर्यावरणीय नुकसान भी पहुंचाता है। आइए इसके नुकसानों को समझें और ओवरलोडिंग से बचें।
ओवरलोडिंग के नुकसान:
सड़क दुर्घटनाओं का खतरा:
अधिक वजन के कारण ट्रक का संतुलन बिगड़ सकता है, जिससे ब्रेक फेल होने, टायर फटने या वाहन के पलटने की संभावना बढ़ जाती है। यह चालक और अन्य लोगों की जान को जोखिम में डालता है।
वाहन की क्षति:
ओवरलोडिंग से ट्रक के इंजन, सस्पेंशन, टायर और ब्रेक पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, जिससे वाहन जल्दी खराब हो जाता है और मरम्मत का खर्च बढ़ता है।
सड़कों का नुकसान:
अधिक वजन वाले वाहन सड़कों पर गड्ढे और दरारें पैदा करते हैं, जिससे सड़कें जल्दी खराब होती हैं। इससे सरकार को बार-बार मरम्मत करानी पड़ती है, जो जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग है।
ईंधन की बर्बादी:
ओवरलोडेड वाहनों को चलाने में अधिक ईंधन खर्च होता है, जिससे परिवहन लागत बढ़ती है और पर्यावरण को नुकसान पहुंचता है, क्योंकि ज्यादा ईंधन जलने से प्रदूषण बढ़ता है।
कानूनी परेशानी:
भारत में मोटर वाहन अधिनियम के तहत ओवरलोडिंग गैरकानूनी है। पकड़े जाने पर भारी जुर्माना( रु 20 हजार और रु 2 हजार प्रतिटन) वाहन जब्ती और चालक लाइसेन्स व परमिट निरस्तीकरण सहित अनेक कडी कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है।
समय की हानि:
ओवरलोडेड ट्रक धीमी गति से चलते हैं और बार-बार खराब होने की वजह से माल की डिलीवरी में देरी होती है, जिससे व्यापार पर असर पड़ता है।
ओवरलोडिंग न करने की अपील:
उन्होंने सभी ट्रक चालकों, मालिकों और परिवहन व्यवसायियों से अपील करते हुए कहा कि वाहनों की निर्धारित क्षमता का सम्मान करें और ओवरलोडिंग से बचें। यह न केवल आपकी और दूसरों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा, बल्कि आपके वाहन की उम्र बढ़ाएगा, सड़कों को सुरक्षित रखेगा और पर्यावरण की रक्षा करेगा। आइए, हम सब मिलकर जिम्मेदार नागरिक बनें और नियमों का पालन करें। ओवरलोडिंग से बचें, सुरक्षित भविष्य बनाएं!