अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दूसरे दिन फार्मा शिक्षा व शोध में नवाचार पर जोर।
- Sep-15-2025
ग्रेटर नोएडा/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता,
13 सितम्बर। एच.आई.एम.टी. कॉलेज ऑफ़ फ़ार्मेसी, ग्रेटर नोएडा में चल रहे “International Conference on Integrating Research & Industry in Pharmaceutical & Allied Sciences (ICIRIPAS-2025)” के दूसरे दिन विविध सत्रों में विशेषज्ञों ने फार्मेसी शिक्षा, शोध एवं पारंपरिक औषधियों पर गहन विचार-विमर्श किया।
आज के दिन का मुख्य विषय रहा – “Regulatory, Educational and Allied Dimensions in Pharma & Allied Sciences”।
कार्यक्रम का शुभारंभ श्री राकेश पी. श्रीवास्तव (बायोलॉजिकल ई. लिमिटेड, देहरादून) के व्याख्यान से हुआ, जिन्होंने 21वीं सदी में फार्मेसी पेशे के बदलते स्वरूप पर चर्चा की। इसके बाद डॉ. मोनिका अरोड़ा (विला कॉलेज, मालदीव) ने “व्यक्तिगत चिकित्सा की भूमिका” विषय पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
इसके उपरांत आयोजित पोस्टर एवं मौखिक प्रस्तुति सत्रों में विद्यार्थियों और शोधार्थियों ने अपने शोध कार्य को प्रदर्शित किया।
दोपहर के सत्र में प्रो. राहुल प्रताप सिंह (जी.डी. गोयंका विश्वविद्यालय, गुरुग्राम) ने “Pharma 5.0: Driving Innovation Through Integrated Research Models” विषय पर व्याख्यान दिया। फिर डॉ. प्रदीप सिंह (कॉलेज ऑफ़ हेल्थ साइंसेज़, इथियोपिया) ने “एथ्नोबॉटनी और उद्योग के बीच सेतु” पर अपने विचार रखे। इसके बाद प्रो. शोवकत आर. मीर (जामिया हमदर्द, नई दिल्ली) ने औषधीय पौधों की पारंपरिक उपयोगिता एवं उनके आधुनिक औषधि अनुसंधान में महत्व पर प्रकाश डाला।
चेयरमैन, एच. एस. बंसल —
“ICIRIPAS 2025 ने यह साबित किया है कि जब शिक्षा और उद्योग एक साझा मंच पर आते हैं, तो नवाचार की गति कई गुना बढ़ जाती है। यह सम्मेलन हमारे संस्थान की वैश्विक पहचान को और सुदृढ़ करेगा।”
सेक्रेटरी, अनिल बंसल —
“सम्मेलन के दूसरे दिन की सफलता यह दर्शाती है कि हमारे प्रयास छात्रों और शोधकर्ताओं को व्यावहारिक दृष्टिकोण से जोड़ने में सार्थक रहे हैं। यह हमारी शैक्षणिक नीतियों की मजबूती का प्रमाण है।”
ज्वाइंट सेक्रेटरी, अनमोल बंसल —
“आज हमने छात्रों और शोधार्थियों की रचनात्मकता को प्रत्यक्ष रूप से देखा। इस मंच ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय शोध-परिदृश्य से जुड़ने का अवसर दिया, जो उनके करियर को नई दिशा देगा।”
ग्रुप डायरेक्टर, डॉ. सुधीर कुमार —
“ICIRIPAS 2025 ने उद्योग और अकादमिक जगत को जोड़ने का एक नया अध्याय लिखा है। यह सम्मेलन भविष्य की साझेदारियों और रोजगारपरक अनुसंधान को प्रोत्साहित करेगा।”
डायरेक्टर, डॉ. अनुज मित्तल —
“इस सम्मेलन का उद्देश्य केवल विचार-विनिमय नहीं बल्कि समाधान-उन्मुख शोध को प्रोत्साहित करना था। मुझे गर्व है कि इस दो दिवसीय आयोजन से ठोस परिणाम और व्यवहारिक सुझाव सामने आए हैं, जिनसे हमारे विद्यार्थी और शोधकर्ता लाभान्वित होंगे।”
सम्मेलन के समापन सत्र में प्रमाण पत्र वितरण हुआ तथा डॉ. विनोद गहलोत ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।
दो दिवसीय इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ने न केवल अकादमिक और उद्योग जगत को जोड़ने का कार्य किया बल्कि नई शोध संभावनाओं और वैश्विक रुझानों की दिशा में प्रतिभागियों को मार्गदर्शन भी प्रदान किया