आईटीएस डेंटल कॉलेज में आईसीएमआर में शैक्षिणक अनुसंधान पर सेमिनार का आयोजन।

ग्रेटर नोएडा/ जीएन न्यूज भारत भूषण संवाददाता

"शैक्षिणक शोध के पूर्व शीर्षक के चयन एवं उससे संबंधित विषय सामग्री का संग्रह जरूरी"-डॉ० नितिका मोंगा आई०टी०एस० डेंटल कॉलेज में शैक्षिक अनुसंधान को आई०सी०एम०आर० में जमा करने के तौर तरीकों के विषय पर आधारित सेमिनार में विद्यार्थियों एवं शिक्षकों को संबोधित करते हुए डॉ० नितिका ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षकों एवं विद्यार्थियों को अनुसंधान हेतु प्रेरित करने के लिए आई०सी०एम०आर० द्वारा प्रति वर्ष करोड़ों रूपये अनुदान के रूप में जारी किए जाते हैं।

डॉ० नितिका ने बताया कि शैक्षिणक शोध शुरू करने के पूर्व उसके शीर्षक के चयन के साथ-साथ उससे संबंधित विषय सामग्री विभिन्न स्रोतों से एकत्रित करते हुये, भविष्य में उसकी उपयोगिता पर शोध करके ही निर्णय लेना चाहिए।संस्थान के प्रधानाचार्य डॉ० सचित आंनद अरोरा कहा कि पढ़ाई के दौरान छात्रों एवं शिक्षकों को निरंतर नई-नई जानकारियों को एकत्र करते हुए, शोध करते रहना चाहिए, जिससे न सिर्फ उनके व्यक्तिगत जानकारी बढ़ती है, बल्कि इससे कई अन्य शिक्षकों और विद्यार्थियों का फायदा होता है। डॉ० अरोरा ने बताया कि संस्थान द्वारा शिक्षकों एवं छात्रों को नित नए शोध करने हेतु प्रेरित किया जाता रहता है। विगत वर्षों में संस्थान के कई शिक्षकों एवं छात्रों को आई०सी०एम०आर० द्वारा अनुदान प्राप्त हुआ है।आई०टी०एस० द एजूकेशन ग्रप के उपाध्यक्ष श्री सोहिल चड्ढ़ा ने बताया कि संस्थान में अध्ययनरत् विद्यार्थियों को उच्च गुणव्तापूर्वक विषय सामग्री उपलब्ध कराने एवं छात्रों को शोध के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से इस सेमिनार का अयोजन किया गया। श्री चड्ढ़ा ने उम्मीद जताई कि इससे कई विद्यार्थियों को शोध करने में मदद मिलेगी।
 

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