कुशीनगर सामूहिक दुष्कर्म मामला: चर्चित डॉक्टर की दबंगई और रसूख का खुलासा
कुशीनगर में दो नर्तकियों के साथ असलहे के दम पर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपी डॉक्टर विवेक सेठ की तस्वीरें सोशल मीडिया पर नेताओं और असलहों के साथ पोस्ट करना चर्चा का विषय बन गया है। वह अक्सर जनप्रतिनिधियों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर फेसबुक पर डालता था, ताकि अपना प्रभाव दिखा सके। उसके फेसबुक अकाउंट पर असलहे, गाड़ियाँ और नेताओं के साथ कई तस्वीरें मौजूद हैं।
विवेक सेठ के पास लाइसेंसी हथियार था, जिसका इस्तेमाल उसने और उसके साथियों ने नर्तकियों का अपहरण करने में किया। पुलिस के मुताबिक, अपहरण के दौरान विवेक ही गाड़ी चला रहा था। पुलिस ने इस मामले में दो गाड़ियों को जब्त किया, जो गोरखपुर में पंजीकृत हैं। डॉक्टर विवेक गोरखपुर के एक अस्पताल के मालिक के रूप में भी विवादों में रहा है। कुछ समय पहले अस्पताल में एक मरीज की मौत के बाद उसके खिलाफ गैर इरादतन हत्या का मामला भी दर्ज हुआ था, लेकिन वह फरार हो गया था।
नर्तकियों की शिकायत में मुख्य आरोपी के रूप में निसार, नागेंद्र यादव और डॉक्टर विवेक सेठ का नाम शामिल है। नर्तकियों ने बताया कि उन्हें रात के समय जबरन गाड़ियों में बैठाया गया था, और विरोध करने पर नशे में धुत आरोपियों ने हवाई फायरिंग की थी।
आरोपी आर्थक का रसूखदार परिवार
इस मामले में एक और आरोपी आर्थक का परिवार भी प्रभावशाली माना जाता है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आर्थक कम उम्र का है लेकिन उसके शरीर की बनावट उसे उम्रदराज दिखाती है। उसके पिता आदित्य सिंह कुशीनगर विधानसभा से टिकट के दावेदार थे, लेकिन विवादों के चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा था। पिता का कहना है कि आर्थक को गलत तरीके से फंसाया गया है।
जन्मदिन पर चर्चा में आया आर्थक
तीन साल पहले आर्थक ने अपने जन्मदिन का जश्न धूमधाम से मनाया था, जिसमें गाड़ियों के बड़े काफिले के साथ गोरखपुर से कुशीनगर तक यात्रा की थी। उस दौरान ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन करने पर गाड़ियों का चालान काटा गया था।
पुलिस की बड़ी कार्रवाई
कुशीनगर सामूहिक दुष्कर्म मामले की जांच में एसपी अभिनव त्यागी ने प्रमुख भूमिका निभाई। कुछ ही घंटों के भीतर उन्होंने आरोपियों की गिरफ्तारी कर ली। इसके बाद उन्हें गोरखपुर का एसपी सिटी बनाया गया, जबकि एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई को संभल भेजा गया।