ग्राम पाठशाला अब एक सामाजिक क्रांति है।।


गाँवों के अपने खुद के न तो समाचार पत्र होते हैं और न ही टीवी चैनल्स। फिर भी गाँवों के लोगों में गजब का आपसी संवाद और संपर्क होता है।
गाँवों के लोगों के पास इस आपसी संवाद और संपर्क के दो साधन होते हैं। पहला गाँवों की चौपालें और दूसरे शादी-ब्याह के शुभ अवसर।
और आजकल इन दोनों ही अवसरों पर गाँवों में लाइब्रेरी बनाने की चर्चा हो रही है।
इसी तरह की चर्चायें यहाँ कभी देश की आजादी के लिए हुआ करती थीं।
धन्य हैं हमारे गाँव🙏
आदरणीय चौधरी श्री राजेन्द्र सिंह मुखिया जी, चौधरी श्री बदले सिंह मुखिया जी, चौधरी श्री हरदन सिंह मुखिया जी, चौधरी श्री राज नागर जी व समस्त नागर परिवार को आभार सहित हार्दिक बधाई और शुभकामनायें🙏

Others Related News