यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट, नियमित की जा रही है मॉनिटरिंग
- Sep-05-2025
ग्रेटर नोएडा ( जीएन न्यूज, संवाददाता ) ।
जनपद गौतम बुद्ध नगर में यमुना नदी में बढ़ते जल स्तर को देखते हुए गौतमबुद्धनगर प्रशासन अलर्ट मोड पर है। जिलाधिकारी मेधा रूपम के नेतृत्व में राजस्व विभाग, सिंचाई विभाग, स्वास्थ्य विभाग, पूर्ति विभाग, रेस्क्यू टीम तथा अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी गण नियमित रूप से प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने एवं उनके खान-पान, मेडिकल तथा अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर रहे हैं।
जिलाधिकारी ने बताया कि जनपद में अब तक तहसील सदर के 12, दादरी के 6 और जेवर क्षेत्र के 25 ग्राम प्रभावित हुए हैं। लगभग 3800 की जनसंख्या प्रभावित है, जिनमें से 2637 लोग विभिन्न बाढ़ शरणालयों में ठहराए गए हैं। यहाँ सामुदायिक रसोई के माध्यम से तीनों समय भोजन की समुचित व्यवस्था की गई है।
आमजन की सुविधाहेतु बाढ़ कंट्रोल रूम 24 घंटे सक्रिय है, जिसके दूरभाष नंबर 0120-2978231, 2978232 और 2978233 जारी किए गए हैं। अब तक दादरी में 160 और सदर क्षेत्र में 260, इस प्रकार कुल 420 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं। आज मा0 जनप्रतिनिधियों द्वारा भी प्रभावित लोगों को राहत किट वितरित की गई।
राहत एवं बचाव कार्यों के लिए तहसील सदर में छह, दादरी में आठ और जेवर में पाँच, इस प्रकार कुल 19 बाढ़ चौकियाँ बनाई गई हैं। वहीं जनपद में कुल 15 शरणालय संचालित हैं, जहाँ पेयजल, स्वच्छता, खान-पान और पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था राजस्व विभाग द्वारा सुनिश्चित की गई है। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पीएसी, अग्निशमन विभाग की टीम मुस्तैद है। एनडीआरएफ टीम के द्वारा आज तहसील सदर के सेक्टर 151 तथा जेवर के ग्राम झुप्पा से 44 लोगों व एसडीआरएफ की टीम द्वारा 40 लोगों को रेस्क्यू कर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। पीएसी व अग्निशमन विभाग की टीम तहसील सदर के सेक्टर 135 एवं दनकौर में रेस्क्यू कार्य हेतु तैनात है।
मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा छह मेडिकल रेस्पॉन्स टीम गठित कर शरणालयों में तैनात कर दी गई हैं। एंटी स्नेक वेनम समेत सभी आवश्यक दवाइयाँ उपलब्ध कराई गई हैं। पशुओं की सुरक्षा हेतु सेक्टर 135 ग्रीन बेल्ट पुश्ता रोड पर पशु शिविर बनाया गया है, जहाँ अब तक 1471 गौवंश को सुरक्षित स्थानों पर रखा गया है।
जिलाधिकारी ने जनपदवासियों से अपील की है कि नदी और नालों के किनारे न जाएँ, अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी आपात स्थिति में बाढ़ कंट्रोल रूम के नंबर से संपर्क करें। विस्थापित लोग शरणालयों में ही रहें और पशुपालक अपने मवेशियों को प्रशासन द्वारा बनाए गए शिविरों में भेजें।