गढ़मुक्तेश्वर और तिगरी मेले की तैयारियों का मुख्यमंत्री योगी ने लिया जायजा, कहा – मेला बने श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता का प्रतीक

गढ़मुक्तेश्वर/अमरोहा ( जीएन न्यूज़, संवाददाता )।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को हापुड़ जनपद के गढ़मुक्तेश्वर और अमरोहा के तिगरी मेले की तैयारियों का जायजा लिया। मुख्यमंत्री ने हवाई सर्वेक्षण और समीक्षा बैठक के माध्यम से संबंधित विभागों को आवश्यक दिशा-निर्देश देते हुए कहा कि यह मेला श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता का प्रतीक बने। इस बार मेले को ‘मिनी कुंभ’ के रूप में आयोजित किया जाएगा, जिसमें 40 से 45 लाख श्रद्धालुओं के आने की संभावना है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सरकार की पहली प्राथमिकता है। गंगा घाटों पर एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे, ड्रोन निगरानी और रेस्क्यू बोट्स की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने निर्देश दिया कि घाटों पर पर्याप्त चेकर प्लेट, चेंजिंग रूम, स्वच्छ शौचालय और कचरा प्रबंधन प्रणाली सुनिश्चित की जाए।

सीएम योगी ने कहा कि मेले को स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण से जोड़ते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाए। उन्होंने अस्थायी शौचालयों में ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज सिस्टम लागू करने और किसी भी प्रकार की लीकेज रोकने के निर्देश दिए। साथ ही पेयजल, प्रकाश, यातायात और स्वास्थ्य सुविधाओं को उच्च प्राथमिकता देने को कहा।

मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मेले में लोककला, रासलीला, कृष्णलीला और लोकगायन कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए ताकि यह मेला आस्था और संस्कृति का संगम बने। उन्होंने पशुपालन विभाग को निर्देश दिया कि पशु मेले के दौरान हरा चारा और भूसे की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित की जाए।

सीएम योगी ने गंगा पूजन किया और सदर बाजार क्षेत्र का अवलोकन किया। उन्होंने गढ़मुक्तेश्वर में बनाए जा रहे मोढ़े स्टोर का भी निरीक्षण किया और उसके उत्पादों की गुणवत्ता की सराहना की।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि भीड़ प्रबंधन, ट्रैफिक डायवर्जन योजना और फायर सेफ्टी सिस्टम पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसी श्रद्धालु से कोई अतिरिक्त शुल्क न लिया जाए तथा ड्यूटी पर तैनात स्वयंसेवकों के खानपान की उचित व्यवस्था हो।

उन्होंने कहा कि यह आयोजन उत्तर प्रदेश की आस्था, अध्यात्म और सांस्कृतिक विरासत का जीवंत प्रतीक है। सरकार का लक्ष्य है कि यह मेला श्रद्धा, अनुशासन और स्वच्छता के साथ सम्पन्न हो ताकि हर आगंतुक इस पावन तीर्थ से शांति और आशीर्वाद लेकर लौटे।

गढ़मुक्तेश्वर का मेला 30 अक्टूबर से 5 नवंबर तक आयोजित किया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, यह स्थल महाभारत काल से जुड़ा है, जहाँ युधिष्ठिर, अर्जुन और भगवान श्रीकृष्ण ने अपने पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए गंगा स्नान किया था। माना जाता है कि मुक्तेश्वर महादेव की स्थापना यहीं भगवान परशुराम ने की थी।

हर वर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर गढ़मुक्तेश्वर का यह मेला आस्था, संस्कृति और लोकजीवन का अनोखा संगम बनता है, जहाँ लाखों श्रद्धालु गंगा स्नान, दीपदान और पितृ तर्पण के लिए पहुंचते हैं।

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