महिलाओं के अधिकार व सामाजिक सहभागिता पर प्रेस वार्ता, उठाए गए महत्वपूर्ण सवाल।
- Sep-10-2025
ग्रेटर नोएडा, जी एन न्यूज भारत संवाददाता:
ग्रेटर नोएडा जर्नलिस्ट प्रेस क्लब में मंगलवार को महिला संगठन द्वारा महिलाओं के अधिकार, सुरक्षा, सामाजिक सहभागिता और समाज सेवा जैसे अहम मुद्दों पर एक विशेष प्रेस वार्ता का आयोजन किया गया। इस दौरान वक्ताओं ने समाज में महिलाओं की स्थिति, उनके प्रति हो रहे अपराधों और व्यवहार के साथ-साथ पुरुषों से जुड़े सवालों पर भी खुलकर चर्चा की।
महिलाएं 80% और पुरुष 20% प्रताड़ित – रेखा गुर्जर
माता पन्नाधाय गुजरी सामाजिक संगठन की अध्यक्ष रेखा गुर्जर ने कहा कि समाज में महिलाएं 80% प्रताड़ित होती हैं, लेकिन यह भी सच है कि 20% पुरुष भी शोषण का शिकार होते हैं। ऐसे में समाधान केवल महिलाओं तक सीमित नहीं रह सकता, बल्कि दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर ढूंढना होगा। उन्होंने दहेज प्रथा पर प्रहार करते हुए कहा कि शादियों में दहेज सूची पढ़ने और दिखावे की परंपरा ने इस कुरीति को और बढ़ावा दिया है। इसे रोकने के लिए परिवार और गांव स्तर पर छोटी-छोटी इकाइयों में प्रयास शुरू करने होंगे।
ग्रामीण महिलाएं अब भी पिछड़ेपन का शिकार – डॉ. रीना वर्मा
डॉ. रीना वर्मा ने कहा कि 21वीं सदी में जीने के बावजूद ग्रामीण महिलाओं का जीवन आज भी 20वीं सदी जैसा है। इसमें बदलाव के लिए जागरूकता बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि सरकार ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ जैसे अभियान चला रही है, लेकिन समानांतर रूप से बेटों को भी शिक्षित और संवेदनशील बनाने पर काम करना जरूरी है। बेटों को यह सिखाया जाना चाहिए कि पढ़ी-लिखी बेटियों के साथ सम्मानजनक व्यवहार कैसे करना है और परिवार की वित्तीय जिम्मेदारियों को कैसे साझा करना है। उन्होंने सुझाव दिया कि अगर घर में पढ़ी-लिखी बेटियां घरेलू जिम्मेदारियां निभा रही हैं तो उन्हें प्रत्येक माह आर्थिक सहयोग मिलना चाहिए, ताकि उनकी आत्मनिर्भरता और सम्मान दोनों सुरक्षित रहें।
सविता पांडे ने उठाया पुरुषों के अधिकार का मुद्दा
मां पन्नाधाय ट्रस्ट की सदस्य सविता पांडे ने कहा कि समाज में जहां महिलाओं के अधिकारों की बात होती है, वहीं बेटों को भी समान अधिकार मिलना चाहिए। उन्होंने कहा कि कई मामलों में महिलाएं गलत साबित होती हैं, लेकिन सजा पुरुषों को भुगतनी पड़ती है। ऐसे में न्याय का संतुलन दोनों पक्षों को ध्यान में रखकर होना चाहिए।
इस मौके पर महिला संगठन की ओर से यह स्पष्ट संदेश दिया गया कि समाज में वास्तविक बदलाव तभी संभव है जब महिलाओं और पुरुषों दोनों को समान रूप से देखा जाए और अधिकारों के साथ जिम्मेदारियों पर भी बराबर चर्चा हो। प्रेस वार्ता में मीडिया प्रभारी सुनील प्रधान सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।