राघव कला केंद्र के कलाकारों द्वारा रावण–अंगद संवाद, लक्ष्मण शक्ति और हनुमान जी द्वारा संजीवनी बूटी लाने का जीवंत मंचन किया गया। दृश्यों ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया
- Oct-01-2025
सूरजपुर/ जी एन न्यूज भारत संवाददाता:
सूरजपुर स्थित बाराही दशहरा मेला प्रांगण में चल रही भव्य श्री रामलीला के आठवें दिन मंगलवार रात्रि को श्रद्धालुओं और दर्शकों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। श्री आदर्श रामलीला कमेटी सूरजपुर द्वारा प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी आयोजित की जा रही रामलीला का मंचन न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक बन गया है बल्कि सामाजिक–सांस्कृतिक चेतना का भी बड़ा माध्यम साबित हो रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विजयपाल भाटी (ट्रांसपोर्टर, हरी ट्रैवल्स) रहे। उन्होंने कहा –“श्री रामलीला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह हमारी संस्कृति, परंपरा और मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के आदर्शों को पीढ़ी दर पीढ़ी संजोकर रखने का माध्यम है। ऐसे आयोजन समाज को जोड़ते हैं और युवा पीढ़ी को हमारे आदर्शों व नैतिक मूल्यों से प्रेरणा देते हैं। सूरजपुर में यह आयोजन पूरे क्षेत्र की पहचान बन चुका है और इसे सफल बनाने में कमेटी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं की मेहनत सराहनीय है।”श्री आदर्श रामलीला कमेटी सूरजपुर के पदाधिकारियों ने अतिथियों का माल्यार्पण व स्मृति चिन्ह स्वरूप तलवार भेंट कर स्वागत किया।सहयोगी पदाधिकारियों और गणमान्यों में मनोज शर्मा, केडी गुर्जर, नवीन देवधर, रवि बंसल, सतीश शर्मा, नितिन गोयल, रविंद्र मास्टर सहित कई कार्यकर्ताओं का भी सम्मान किया गया।आयोजन समिति और गणमान्य उपस्थिति
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष सतवीर भाटी, महासचिव एडवोकेट सतपाल शर्मा, महाप्रबंधक लक्ष्मण सिंघल, प्रबंधक ओमवीर बैंसला, कोषाध्यक्ष विशाल गोयल, वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनिल भाटी सहित नितिन शर्मा एडवोकेट, सुभाष शर्मा (आर.के. कैसेट वाले), छत्रपाल व्यास, टेकचंद प्रधान, रघुवीर (जेसीबी वाले), ओमपाल ठाकुर, विनोद पंडित (तेलवाले), अशोक शर्मा, पंडित राजेश (ठेकेदार), वीरपाल भगत, आचार्य शिव किशोर, देवा पंडित, विनोद सिकंदराबादी, रुपेश चौधरी, जयदेव शर्मा, भूदेव शर्मा, मूलचंद आर्य, अमन त्यागी, सुनील सौनिक, योगेश अग्रवाल ,लाला पन्नी सहित अनेक गणमान्य मौजूद रहे।रात्रि तक चले इस मंचन में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। बच्चों ने रामकथा के दृश्यों को उत्साह से देखा, वहीं बुजुर्ग दर्शकों ने कहा कि ऐसे धार्मिक आयोजन नई पीढ़ी को हमारी संस्कृति और आदर्शों से जोड़ने का कार्य करते हैं।